डीएम-अधिवक्ता प्रकरण: देवरिया में हठ हार गया, जिद की जीत हो गई
लोकतंत्र जीवित है

पांडे एन डी देहाती/संपादक, स्वाभिमान जागरण
देवरिया में हठ हार गया, जिद की जीत हो गई
देवरिया। जिलाधिकारी और अधिवक्ताओं के बीच चल रहे विवाद में अंततः 23 दिनों के बाद डीएम अखंड प्रताप सिंह का स्थानांतरण हो गया। देवरिया में हठ हार गया। जिद की जीत हो गई।
19 जून को सिविल कोर्ट बार एशोसिएशन के अध्यक्ष सिंहासन गिरी अन्य पदाधिकारियों के साथ जिले के बरहज तहसील क्षेत्र ग्राम पुरैना शुक्ल निवासी जय शिव शुक्ल जो अधिवक्ता हैं, उनके मामले में डीएम से जनता दर्शन में मिलने गये थे। डीएम पर आरोप था कि उन्होंने खराब व्यवहार किया था। अधिवक्ताओं ने अपनी प्रतिष्ठा की लड़ाई बना लिया। रोज सड़कों पर प्रदर्शन हुआ। प्रशासन से लगायत जनप्रतिनिधियों की वार्ता विफल हुई। वकील अपनी जिद पर अड़े रहे कि जिलाधिकारी का स्थानांतरण होने तक संघर्ष होगा। 18 जुलाई को अधिवक्ता महापंचायत बुलाने की घोषणा तक हो गई। जिलाधिकारी की प्रतीकात्मक शव यात्रा भी निकाली गई। पुतले फूंके गए। प्रशासन ने आंदोलन को रोकने के लिए धारा 144 लगा दिया, उसके बाद भी धरना, प्रदर्शन, चक्का जाम होता रहा। शुक्रवार को पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने अधिवक्ता संगठनों का समर्थन करते हुए कचहरी चौराहे पर चक्का जाम कर धरना दिया। पूर्व आईपीएस के धरने पर बैठने थे पुलिस कर्मियों के पसीने छूटने लगे। अधिवक्ता संगठनों ने दीवानी कचहरी में प्रदर्शन करते हुए जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे, जहां जमकर नारेबाजी की। अधिवक्ता प्रदर्शन करते हुए कचहरी चौराहा होते हुए डीएम आवास पहुंचे और डीएम, देवरिया के जनप्रतिनिधियों और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। यहां से प्रदर्शन करते हुए अधिवक्ता सुभाष चौक पहुंचे, जहां सड़क जाम किया।पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने अधिवक्ताओं को भरोसा दिलाया कि वे जिलाधिकारी देवरिया के खिलाफ लोकायुक्त से जांच कराएंगे। अंततः शनिवार की देर शाम जिलाधिकारी देवरिया अखंड प्रताप सिंह का स्थानांतरण मुख्य कार्यपालक अधिकारी उत्तर प्रदेश ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण लखनऊ के पद पर हो गया। उसी पद पर तैनात दिव्या मित्तल को देवरिया का नया जिलाधिकारी बनाया गया है। इस स्थानांतरण के बाद डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष सिंहासन गिरि, मंत्री अजय उपाध्याय, जिला कलेक्ट्रेट वार एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय कुमार मिश्र, सुभाष चंद्र राव, दिवाकर शुक्ला, नरेंद्र यादव, प्रेम शंकर मिश्रा, राधा कृष्ण शुक्ल, शशिनाथ पांडेय,विनय मिश्रा, मनीष मौर्य, अरविंद गिरी, प्रियेश नाथ त्रिपाठी, विद्यासागर, सच्चिदानंद यादव, बृजभूषण यादव, प्रबोध श्रीवास्तव, बृजबांके तिवारी, ललित नारायण पांडेय, जयप्रकाश मिश्रा सहित सैकड़ों अधिवक्ताओं ने खुशी जाहिर की है।



