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बिहार शराबबंदी में कितने छेद ? शराब के सप्लायरों के तार यूपी से भी जुड़े

बिहार के सीमावर्ती यूपी के कई जिले से तार जुड़ने की आशंका

 

बिहार शराबबंदी में कितने छेद ? शराब के सप्लायरों के तार यूपी से भी जुड़े होने की आशंका

सिवान एसपी ने चार थानेदारों को बदला

स्वाभिमान जागरण संवाददाता
देवरिया। पड़ोसी प्रांत बिहार में 2016 से शराब बंदी है। सरकारी तौर पर इस शराबबंदी में इतने छेद हैं कि शराब कहीं से भी टपक जाती है। बिहार में जहरीली शराब से पांच दर्जन से अधिक लोगों की मौत के बाद अब यूपी से भी जुड़े तार तलाशे जा रहे हैं।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार बिहार में जबसे शराब बंदी हुई तबसे अबतक 28 जहरीली शराब कांड हुए।सिवान, सारण, छपरा, मोतिहारी और गोपालगंज जिलों में मानक विहीन शराब सेवन से ज्यादातर मौतें हुई। वैशाली, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, नालंदा, नवादा जैसे जिलों में भी जहरीली शराब से मौतें हुई हैं।
बिहार में शराब सप्लायरों में श्रीरामपुर, बनकटा, खामपार, भाटपार और लार थाना क्षेत्रों के कई शराब तस्कर इस धंधे में जुड़े हैं। बिहार जहरीली शराब कांड में भाटपाररानी के एक व्यक्ति का नाम आने के बाद न सिर्फ वह भूमिगत हो गया है बल्कि इस धंधे से जुड़े कई लोग भूमिगत हो गए हैं।
बिहार शराब कांड के बाद सिवान के एसपी अमितेश कुमार ने चार थानाध्यक्षों को इधर से उधर कर दिया है। जिरादेई के थाना अध्यक्ष राकेश कुमार को जिरादेई से हटाकर मैरवा का थाना अध्यक्ष बनाया गया है। अभिनंदन यादव को जामो बाजार का थाना अध्यक्ष बनाया गया है। वहीं सोनी कुमारी को गुठनी थाना से हटाकर जीरादेई का थाना अध्यक्ष बनाया गया है। जबकि मैरवा थाना प्रभारी प्रमोद साह का तबादला करते हुए सिवान पुलिस केंद्र में पोस्टिंग दी गई है। उधर गोपालगंज के एसपी अवधेश दीक्षित ने थानेदार पिंटू कुमार, सुनील कुमार, और मनोज कुमार को सस्पेंड कर विभागीय जांच शुरू कर दी है। इनकी भूमिका शराब तस्करों से मिलीभगत की है।
एस आई टी गठित , ताबड़तोड़ छापेमारी
बिहार में जहरीली शराब कांड के बाद दो एसआईटी गठित की गई। ताबड़तोड़ छापेमारी हो रही है। पिछले 24 घंटों में 60 से अधिक स्थानों पर छापामारी की गई है, जिनमें 12 लोगों की गिरफ्तारी हुई है।

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