इन विकास के झरोखों से डर लगता है साहब!
नदावर पुल का हाल बेहाल है

पांडे एन डी देहाती/स्वाभिमान जागरण
देवरिया। प्रसिद्ध कवि अदम गोंडवी ने लिखा,तुम्हारी फाइलों में गाँव का मौसम गुलाबी है।मगर ये आंकड़े झूठे हैं ये दावा किताबी है। विकास के इन्हीं झूठे दावों को देखना हो तो सलेमपुर के नदावर पुल को देख लीजिए। सत्ताधारी दल के लोग चाहे जितना गाल बजा लें, इस पुल का हाल तो बेहाल है साहब। इस झूठे विकास के जो झरोखे पुल की रेलिंग की जगह बन चुके हैं वास्तव में उसे देखकर डर लगता है। यहां विकास के झरोखे से मौत का आमंत्रण दिखेगा। छोटी गंडक नदी पर नदावर में बने इस पुल से रोज अधिकारी से लेकर नेता तक आते जाते हैं। कोई तो इसकी सुधि ले ले। कोई तो इसे मरम्मत करा दे। अगर सत्ताधारी दल को रुचि नहीं तो सलेमपुर के सांसद तो विपक्षी पार्टी के हैं, वे ही अपने निधि से कुछ खर्च कर दें और लोगों की जानमाल की रक्षा पर ध्यान दे दें।विभाग को तो नदावर घाट पुल पर किसी भयंकर दुर्घटना का इंतजार है, क्योंकि इस पुल की रेलिंग दोनों ओर से काफी टूट गई है जिससे कभी भी भयंकर दुर्घटना हो सकती है। यहाँ यह भी बताते चलें कि इस पुल पर से अनेक आत्महत्याएं हो चुकी हैं जिससे यह सुसाइड प्वाइंट के नाम से बदनाम हो चुका है। क्षेत्रीय जनता ने इस पुल की रेलिंग अतिशीघ्र बनवाने की मांग की है जिससे भविष्य में होने वाली सम्भावित दुर्घटनाओं से बचा जा सके।



