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राजस्थान में इस साल नहीं होंगे छात्रसंघ चुनाव

एनएसयूआई के हार का है डर - एबीवीपी

जयपुर | राजस्थान में इस साल होने वाले छात्रसंघ चुनाव अब नहीं होंगे। शनिवार देर रात उच्च शिक्षा विभाग की अहम बैठक में यह फैसला किया गया। इन आदेशों की जानकारी मिलते ही जयपुर समेत प्रदेशभर में छात्र संगठनों में आक्रोश फैल गया। लंबे समय से चुनाव की तैयारियों में जुटे छात्र नेताओं को इस आदेश से बड़ा धक्का लगा। लिहाजा रविवार को सुबह ही जयपुर में बवाल हो गया। राजस्थान यूनिवर्सिटी के सामने छात्रों ने जमकर हंगामा किया। उनको काबू करने में पुलिस प्रशासन की सांसें फूल गई। छात्र नेताओं ने कहा कि अगर सरकार ने जल्द से जल्द अपने फैसले पर पुनर्विचार कर छात्रसंघ चुनाव की तारीख का ऐलान नहीं किया तो प्रदेशभर में उग्र आंदोलन किया जाएगा, जिसके लिए सरकार जिम्मेदार होगी।

उच्च शिक्षा विभाग ने आदेश में कहा है कि प्रदेश के कई विश्वविद्यालय के कुलपतियों ने यह स्पष्ट किया है कि छात्रसंघ चुनावों में धनबल और बाहुबल का खुलकर उपयोग किया जा रहा है और लिंगदोह कमेटी की सिफारिशों का उल्लंघन किया जा रहा है। यदि चुनाव कराए जाते हैं तो पढ़ाई प्रभावित होगी और राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत सेमेस्टर सिस्टम लागू नहीं हो पाएगा, इसलिए छात्रसंघ चुनाव नहीं कराने का फैसला किया गया है।

वहीं इस मामले पर सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि इसको लेकर शिक्षा राज्य मंत्री राजेंद्र यादव ही फैसला लेंगे। लेकिन मैं यह कहना चाहूंगा कि जब चुनाव बंद हो गए थे तब मैं ही वह सीएम था जिसने चुनाव फिर से शुरु करवाए थे। उन्होंने कहा कि आज छात्र चुनाव से पहले जिस तरह पैसे खर्च कर रहे हैं जैसे एमपी-एमएलए का चुनाव हो। यह सब कुछ लिंगदोह कमेटी की सिफारिशों के खिलाफ है। हम इसके सख्त खिलाफ हैं।

चुनाव रद्द होने के बाद एबीवीपी नेता मनु दाधीच ने कहा कि छात्रसंघ चुनाव रद्द इसलिए किया गया है कि क्योंकि सरकार को डर है कि उनका छात्र संगठन एनएसयूआई राजस्थान के सभी प्रमुख काॅलेजों का चुनाव हार रहा है।

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