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घोसी उपचुनाव:INDIA और NDA में आर – पार

अखिलेश पूरे कुनबे के साथ उतरे, भाजपा ने झोंकी मंत्रियों की फौज

2024 का लिटमस टेस्ट

स्वाभिमान जागरण संवाददाता
घोसी। सियासी बिसातो पर राजनीति की चालों के बीच यूपी के घोसी में हो रहा उपचुनाव अब केवल उपचुनाव नहीं रहा गया है। यह 2024 का लिटमस टेस्ट हो रहा है। यह उप चुनाव एनडीए -इंडिया में आर पार का चुनाव बन चुका है। निर्वाचन आयोग ने एक्जिट पोल पर प्रतिबंध लगा दिया है। सूबे की सरकार ने अपने मंत्रियों और नेताओं की फौज घोसी में उतार कर इस उप चुनाव को हाई लेबल पर पहुंचा दिया है। विपक्ष की एकता से बने INDIA की तरफ से समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी सुधाकर सिंह के समर्थन में सपा प्रमुख अखिलेश यादव का समूचा कुनबा उतर चुका है। सपा से दल बदल कर भाजपा में आए दारा सिंह चौहान के लिए भाजपा के कई कद्दावर नेता, मंत्री, जी – जान लगाकर जीत के प्रयास में लगे हैं।
अक्सर उप चुनावों के प्रचार में न जाने वाले पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव न सिर्फ अकेले बल्कि चाचा शिवपाल व रामगोपाल भी पूरे मनोयोग से सपा प्रत्याशी सुधाकर सिंह के ताकत लगा दिए हैं। घोसी उपचुनाव इंडिया और एनडीए दोनों गठबंधन के लिए नाक का सवाल बन चुका है। बीजेपी हर बार की तरह इस बार चुनाव को बहुत सीरियस ढंग से लड़ रही है। भाजपा ने अपने मंत्रियों की फौज को उतार रखा है। कांग्रेस और बसपा के मैदान में न होने से मुकबला सीधे तौर पर बीजेपी और सपा के बीच है। घोसी विधानसभा का उपचुनाव 5 सितंबर को होने वाला है। सत्तारूढ़ और विपक्ष दोनों ने ही चुनाव जीतने की जोर आजमाइश कर रखी है । इस चुनाव की सबसे खास बात यह है कि इसमें विपक्षी दल सपा के साथ सभी इंडिया गठबंधन के साथी मैदान में प्रचार में उतर चुके हैं। अगर INDIA इस सीट पर विजय पाती है तो 2024 के लोक सभा चुनाव में इसी फार्मूले पर काम करेगी। फिलहाल घोसी विधान सभा के
4 लाख 37 हजार वोटर सुधाकर और दारा के राजनीतिक भविष्य का फैसला करेंगे। साठ हजार दलित और पैतालीस हजार भूमिहार जिधर मूव करेंगे उधर पलड़ा भारी होगा। नब्बे हजार मुस्लिमों का वोट सपा प्रत्याशी के तरफ जाने की पूरी संभावना है। ब्राह्मणों की संख्या यहां मात्र छ हजार के ही लगभग है।

 

 

 

 

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