ना यूपीए ना महागठबंधन, विपक्षी दलों के एलायंस का नाम PDA हो सकता है

पटना
विपक्षी दलों के गठबंधन को लेकर 23 जून को पटना में सीएम नीतीश कुमार के घर पर 15 दलों के नेताओं की बैठक के बाद अगले लोकसभा चुनाव म बीजेपी की अगुवाई वाले एनडीए के मुकाबले मोर्चे के गठन की सम्भावना हकीकत में बदलती दिख रही है। इसी के साथ इस नए मोर्चे के नाम को लेकर भी अनुमान लगाए जा रहे थे। बहुत से लोगों का मानना था कि इस बार भी इस गठबंधन का नाम यूपीए यानी संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन होगा, 2014 से पहले 10 साल तक जिसकी सरकार रही और मनमोहन सिंह देश के प्रधानमंत्री रहे। लेकिन इस बार पुराने नाम से मोर्चा गठन की संभावना न के बराबर है। मोर्चे के नए नाम के लिए अभी जिस नाम की सर्वाधिक चर्चा है वो है पीडीए पीडीए यानी पेट्रियोटिक डेमोक्रेटिक एलाइंस। सीपीआई ने बकायदा प्रेस विज्ञप्ति जारी कर इसका ऐलान भी कर दिया है। हालांकि नाम पर अंतिम मुहर अगले महीने शिमला में प्रस्तावित विपक्षी एकता की दूसरी बैठक में लगेगी।
दरअसल, 23 जून को ही यह साफ हो गया था कि विपक्ष के गठबंधन को जो भी नाम होगा उसमें लोकतंत्र और देशद्रोह इन दो चीजों की जरूर चर्चा होगी क्योंकि विपक्ष का आरोप है कि पिछले नौ साल में बीजेपी की राजनीति ऐसी रही है कि वे जो भी उनके नेता या सरकार के काम की आलोचना करता है उसे वे देशद्रोही करार देते हैं। विपक्ष का मामना है कि बीजेपी की अगुवाई वाली सरकार के रहते देश के लोकतंत्र पर खतरा है। लिहाजा नए मोर्चे का नाम लोकतंत्र और देशद्रोह दोनों को लक्षित करते हुए रखना है। लिहाजा, पीडीए यानी पेट्रियोटिक डेमोक्रेटिक एलाइंस नाम अभी तक सबसे उपयुक्त माना जा रहा है क्योंकि ये इन दोनों मसलों को समाहित करता है। पेट्रियोटिक और डेमोक्रेटिक पीडीए में ये दोनों बातें आ जा रही हैं।
बता दें कि 23 जून को विपक्षी नेताओं की संयुक्त प्रेस में पश्चि बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी इस बात पर जोर दिया था कि विपक्ष को ‘उत्पीड़न’ नहीं बल्कि देशभक्त कहा जाना चाहिए क्योंकि वहां भारत के नागरिक हैं और जब मणिपुर जलता है तो उन्हें दुख होता है। इस कांफ्रेंस में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा भी था कि हमें विपक्ष नहीं कहिए हम भी देश भक्त हैं। अब सीपीआई ने प्रेस रीलीज के जरिए मोर्चे के नए नाम पर तस्वीर साफ करने की कोशिश की है। सीपीआई के राष्ट्रीय महासचिव डी राजा के अनुसार, प्रस्तावित बड़े विपक्षी मोर्चे का नया नाम पेट्रियोटिक डेमोक्रेटिक एलाइंस हो सकता है, हालांकि वामपंथी नेता ने कहा है कि ‘गठबंधन के नाम पर अभी तक निर्णय नहीं लिया गया है।’