राजेश दयाल के बदले बोल , समर्थक मायूस

अपने ही लोगों के सामने , हम कैसे ठोकेंगे ताल।
यही बात फेसबुक पर लिखे हैं दयाल।।
पांडे एन डी देहाती / संपादक स्वाभिमान जागरण
कुछ तो मजबूरियां रही होंगी, लोग यूं ही नहीं बेवफा होते। पिछले एक वर्ष से भाजपा से सलेमपुर क्षेत्र से टिकट की दावेदारी कर रहे प्रसिद्ध कारोबारी राजेश सिंह दयाल को पहला झटका तो तभी लग चुका था जब पार्टी ने अपने वर्तमान सांसद पर भरोसा किया और राजेश दयाल को टिकट नहीं दिया। राजेश सिंह दयाल ने अपने समर्थकों से विमर्श के लिए एक बैठक आहूत की। पवित्र सरयू नदी के तट पर स्थित देवसिया गांव में अपने दरवाजे पर लोगों के विचार लिए। विचार देने वालों में भाजपा और सपा के क्षेत्रीय कार्यकर्ता और पदाधिकारी थे। लोगों में जोश था। दयाल के पक्ष में वृहद उदघोष हुए। दयाल ने सबके मनोभाव को जानने के बाद यहां तक कह दिया अब चाहें कुछ भी हो जाए हम लडेंगे। समर्थक खुशी खुशी अपने घरों को लौटे। दो दिन बाद दयाल ने यू टर्न ले लिया। कुछ लोग इसे राजनीति का हिस्सा बता रहे तो कुछ लोग समर्थकों को मूर्ख बनाने का राग अलाप रहे। जो लोग कल तक दयाल के कसीदे पढ़ रहे थे अब उनके चेहरे लटक चुके हैं। कारण कि सलेमपुर लोकसभा सीट से 2024 में चुनावी ताल ठोंकने वाले राजेश सिंह दयाल के सुर महज 48 घंटे में ही बदल गए हैं। उन्होंने भाजपा से बगावत के निर्णय से यू टर्न ले लिया है। जिसकी जानकारी स्वयं राजेश सिंह दयाल ने अपने फेसबुक पेज पर एक पोस्ट डालकर दी है। राजेश सिंह दयाल ने विगत 10 मार्च को अपने गांव सलेमपुर के देवसिया में कार्यकर्ता सम्मेलन में कुछ भी हो जाएं चुनाव से पीछे नहीं हटेंगे का संदेश दिया था लेकिन वे अपने इस बयान पर 48 घंटा भी टिक नहीं पाए। राजेश दयाल से उनका पक्ष जानने के लिए आज दोपहर ढाई बजे उनके मोबाइल पर फोन किया गया तो उन्होंने फोन नहीं रिसीव किया, इस लिए उनसे उनका पक्ष और आगे की रणनीति नहीं जानी जा सकी।
राजनीति में कही गई कोई बात सौ फीसद सच के धरातल पर नहीं उतरती है। कल क्या परिदृश्य होगा कुछ भी कहना असंभव है। सोचना उन्हे भी चाहिए जो इसी राजनीति के चक्कर में अपने ही लोगों से अपने संबंध खराब कर लेते हैं।





