यूपी की राजनीति में बढ़ी हलचल, 262 सीटों पर लड़ेगी काली सेना
गांव स्तर से लेकर प्रदेश स्तर तक कमेटियों के गठन की प्रक्रिया तेज

स्वामी आनंद स्वरूप की घोषणा के बाद सवर्ण लाबी प्रसन्न
संवाददाता स्वाभिमान जागरण
लखनऊ। संत यदि हठयोग कर ले, तो उसे रास्ते से डिगा पाना मुश्किल हो जाता है। शंकराचार्य परिषद के अध्यक्ष शांभवी पीठाधीश्वर और काली सेना के संस्थापक स्वामी आनंद स्वरूप ने अब हठयोग का रूप अख्तियार किया है। कभी राजनीतिक दलों के दहलीज पर टिकट की मांग करने जाने वाले सन्यासी को ठुकरा देना उन नेताओं को भी आश्चर्य में डाल दिया है। स्वामी आनंद स्वरूप ने उत्तर प्रदेश की 262 विधान सभा सीटों पर काली सेना को चुनाव लड़ाने की घोषणा कर दी है।
सनातन धर्म के प्रचार प्रसार, धर्मातंरण रोकने, लव और लैंड जिहाद को रोकने को लेकर बहुत पहले गठित एक सामाजिक संगठन काली सेना के संस्थापक अध्यक्ष स्वामी आनंद स्वरूप ने अब इसे राजनीतिक क्षेत्र में भी उतारने का फैसला लिया है। उत्तर प्रदेश के आगामी 2027 के विधान सभा चुनाव की तैयारी के लिए पदाधिकारियों का चयन शुरू हो गया है। यूपी की कुल 40 जिलों 262 विधान सभा सीटों पर काली सेना अपने प्रत्याशी उतारेगी। इसके लिए अभी से प्रचार प्रसार शुरू कर दिया गया है।काली सेना के संस्थापक व शांभवी पीठाधीश्वर स्वामी आनंद स्वरूप ने कहा कि काली सेना का गठन हमने कर्नाटक में किया। जब केरल में धर्म परिवर्तन हो रहे थे काली सेना ने उसे रोकने का काम किया। चूंकि हमारा जन्मस्थान यूपी के बलिया में है इस लिए हम चाहते है कि पूर्वांचल को केंद्र मानकर हम इस संगठन का और विस्तार करें। काली सेना का उद्देश्य राष्ट्र रक्षा, हिन्दू राष्ट्र की घोषणा कराना, सनानत वैदिक धर्म को प्रसारित करना, धर्मांतरण को रोकना, लव और जमीन जिहाद को रोकना है।काली सेना में बड़ी संख्या में शिक्षक, पत्रकार, वकील और बुद्धिजीवी जुड़ रहे हैं। लोगों का मानना है कि काली सेना का राजनीति में प्रभाव बढ़ने से तुष्टिकरण की नीति को धक्का लगेगा। काली सेना में युवाओं की बढ़ती भागेदारी से कई राजनीतिक दलों में कार्यकर्ताओं की कमी महसूस किए जाने की भी संभावना बढ़ी है। जानकार लोगों का कहना है कि स्वामी आनंद स्वरूप पिछले तीन वर्ष से सलेमपुर लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लडने की तैयारी कर रहे थे, राजनीतिक दल ने उनके साथ धोखा किया। अब वे हठयोग ठान लिए हैं कि हम खुद राजनीतिक दल बनाएंगे और अपने लोगों को चुनाव लडाएंगे।



