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गगनभेदी नारों से गूंजा सरयू का सरेह, शहीद आशुतोष की गार्ड ऑफ ऑनर के साथ अंत्येष्टि

भागलपुर के कालीचरण घाट पर जांबाज को दी गई अंतिम विदाई

पांडे एन डी देहाती/ स्वाभिमान जागरण

देवरिया। जिले के मईल थानांतर्गत मईलौटा गांव निवासी शहीद आशुतोष मिश्र को शुक्रवार को सरयू नदी तट स्थित भागलपुर के कालीचरण घाट पर गार्ड ऑफ ऑनर के साथ अंतिम विदाई दी गई। शहीद के  12 वर्षीय पुत्र सत्यम मिश्र ने अपने पिता को मुखाग्नि दी।

राजस्थान के बीकानेर महाजन फिल्ड फायरिंग रेंज के नार्थ कैंप में युद्धाभ्यास के दौरान आशुतोष मिश्र शहीद हो गए थे। उनका पार्थिव शरीर गांव पहुंचते ही चारों तरफ शोक की लहर फैल गई। आज राजकीय सम्मान के साथ उनकी अंत्येष्टि हुई। विधायक दीपक कुमार मिश्र, जिलाधिकारी दिव्या मित्तल, पुलिस अधीक्षक संकल्प शर्मा सहित अधिकारियों, कर्मचारियों ने उन्हें नमन किया।  सेना के वाहन से शहीद का पार्थिव शरीर ले जाया गया। भारत माता की जय, वंदेमातरम्, जब तक सूरज चांद रहेगा आशुतोष तेरा नाम रहेगा आदि गगन भेदी नारों का जय घोष हो रहा था। मईल गांव के प्रधान राजेश यादव ने सरकार और जिलाधिकारी को संबोधित चार सूत्रीय मांग पत्र सौंप कर गांव में शहीद की प्रतिमा स्थापित करने, संपर्क मार्ग का नाम, खेल मैदान आदि को शहीद के नाम करने की मांग किया। पूर्व विधायक काली प्रसाद, पूर्व जिला पंचायत सदस्य जगत जायसवाल, पूर्व जिला पंचायत सदस्य वीरेंद्र चैधरी, गब्बर चौधरी, प्रधानाचार्य एबीलाल, सतीश चंद जायसवाल,कन्हैया तिवारी, विनोद चौधरी, दीनबंधु सिंह, कमल नयन पाण्डेय, एसडीएम बरहज अंगद यादव, सीओ बरहज आदित्य कुमार गौतम, तहसीलदार अरुण कुमार, थानाध्यक्ष मईल अमित कुमार राय, उपनिरीक्षक अरविंद कुमार,  धर्मेंद्र कुमार यादव, सुनील पाल, हरगोविंद सिंह, बृज भूषण यादव, अनिल जायसवाल, अम्बरीष मणि यादव, रामचंद्र गुप्ता, अवध नारायण मिश्र, उदय प्रताप सिंह, राम करन कुशवाहा, रामू यादव, वरूण कुमार मिश्र, सुंदरम मिश्र, प्रदीप मौर्य, रविशंकर तिवारी, सुजीत जायसवाल आदि लोग उपस्थित रहे।

मईल थाना क्षेत्र के मईलौटा गांव निवासी आशुतोष मिश्रा (35) पुत्र स्व. दुर्गा प्रसाद मिश्र सेना में हवलदार थे। वर्तमान में उनकी तैनाती जम्मू में थी। उनकी यूनिट राजस्थान के बीकानेर में युद्धाभ्यास पर गई थी। 18 दिसंबर को युद्धाभ्यास के दौरान महाजन फील्ड फायरिंग रेंज के नार्थ कैंप में तोप का गोला ब्लास्ट होने से अपने एक अन्य साथी समेत आशुतोष शहीद हो गए थे। उनका पार्थिव शरीर सेना के वाहन से शुक्रवार को दोपहर करीब 1 बजे उनके पैतृक गांव मईलौटा पहुंचा। यहां प्रशासन की तरफ से अंतिम संस्कार की तैयारी पहले से कर ली गई थी। पार्थिव शरीर के पहुंचते ही वहां मौजूद लोगों की ऑखे भर आईं। पत्नी अनीता मिश्र दहाड़ें मार कर चीखं पड़ीं। यह देख लोगों का कलेजा फटा जा रहा था। बेटे सत्यम (12) और बेटी ज्योति (15) के साथ ही 105 साल की दा पार्वती देवी बदहवाश थीं। पार्थिव शरीर लेकर आए सेना के जवानों और मौजूद अधिकारियों ने किसी तरह से परिजनों को संभाला है। शहीद के बड़े भाई यूपी पुलिस में दरोगा अरविंद कुमार मिश्र ने खुद को संभालने के साथ ही परिजनों को ढांढ़स देने में लगे रहे।

जय हिंद

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