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पत्रकार की हत्या के बाद कोतवाल लाइन हाजिर, दरोगा सहित तीन सस्पेंड

यूपी में जगह जगह घटना को लेकर विरोध

 

कथित रामराज में जंगल राज

स्वाभिमान जागरण संवाददाता

लखनऊ। कहा जा रहा है कि राम राज आ गया है। स्थितियां जंगलराज जैसी दिख रही है। लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर लगातार हमले हो रहे। सीतापुर में दिनदहाड़े पत्रकार राघवेंद्र बाजपेई की हत्या कर दी गई। पूरे प्रदेश में पत्रकारों में गुस्सा है। प्रदेश के कई जिलों के पत्रकारों के विरोध के बाद एसपी चक्रेश मिश्रा ने कोतवाली प्रभारी विनोद मिश्रा को लाइन हाजिर किया। वहीं पड़रखा चौकी इंचार्ज सतीश चंद्र और दो आरक्षी राजकुमार व नरेंद्र मोहन को निलंबित कर दिया गया है। अभी और अधिकारियों पर कार्रवाई की जा सकती है। जांच में तेजी लाने के निर्देश दिए गए हैं।

सीतापुर में दिल्ली-लखनऊ नेशनल हाईवे पर दिनदहाड़े पत्रकार राघवेंद्र बाजपेई की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। यह पूरी घटना थाना इमलिया सुल्तानपुर इलाके के हेमपुर रेलवे क्रासिंग के पास बने ओवर ब्रिज के पास हुई थी। सीतापुर में पहली बार किसी पत्रकार की गोली मारकर हत्या होने की घटना से परिजनों ही नहीं प्रदेश के पत्रकारों में भी आक्रोश हैं। पत्रकार के शरीर में तीन गोलियां मिलीं हैं।मृतक के चाचा ने बताया कि राघवेन्द्र की किसी से कोई दुश्मनी नहीं थी। आशंका जतायी जा रही है कि जमीन के विवाद और धान की खरीद को लेकर कुछ खबरें प्रकाशित की थीं। जिसको लेकर राघवेन्द्र की हत्या की गई है। पत्रकार की हत्या के बाद हत्याकांड की तेजी से चल रही जांच पड़ताल के बाद अब तक चार लेखपालों समेत 25 लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। पत्रकारों के बढ़ते विरोध के बीच घटना के पर्दाफाश के लिए पुलिस की 15 टीमों को लगाया गया है । एसटीएफ भी लगाई गई है। हाइवे पर लगे 50 कैमरों से हत्या के समय की एक घंटे की रिकॉर्डिंग जांच के लिए ली गई है।

इस बीच पत्रकार संगठनों ने पत्रकार सुरक्षा कानून बनाने की मांग की है। पत्रकार एसोसियेशन के राष्ट्रीय महामंत्री उदय प्रताप सिंह ने कहा है कि खबरों को लेकर आए दिन पत्रकारों पर हमले हो रहे। पत्रकारों की हत्याएं हो रहीं। देश में पत्रकार सुरक्षा कानून लागू किया जाना चाहिए।

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