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लार में पारम्परिक रूप से रात 12 बजे निकलने वाला मेहंदी जुलूस भोर में तीन बजे निकला

पुलिस उपाधीक्षक शिव प्रताप सिंह ने कहा, त्योहार पर बड़ा दिल रखिये

 

स्वाभिमान जागरण संवाददाता

देवरिया। जिले के लार में मोहर्रम के अवसर पर पारम्परिक रूप से हर वर्ष रात 12 बजे निकलने वाला मेहंदी का जुलूस इस वर्ष भोर तीन बजे तब निकला जब भाटपार के पुलिस उपाधीक्षक शिव प्रताप सिंह लार पहुंचे और ताजियादारों और अखाड़ा संचालकों को समझाते हुए बोले – त्योहार पर बड़ा दिल रखिये। जुलूस में उपस्थित लोगों से वार्ता के बाद मेहंदी का जुलूस निकाला गया।

एक दिन पूर्व मोहर्रम के जुलूस में एक किशोर द्वारा फिलिस्तीन का झंडा लहराया गया था। पुलिस के सामने ही धार्मिक जुलूस में बगैर किसी औचित्य के दूसरे देश के झंडे लहराने का वीडियो सोशल मिडिया पर वायरल होने के बाद जब पुलिस के आला अधिकारियों के संज्ञान में मामला आया तो पुलिस ने जाँच पड़ताल तेज कर दी। इसी दौरान लार थाना के कस्बा चौकी प्रभारी दीपक सिंह कस्बा में शान्ति व्यवस्था को लेकर भ्रमणशील थे, तो उनकी नजर कुछ लड़कों पर पड़ी जो फिलिस्तीन का लोगो लगा टी शर्ट पहने थे। उन्होंने ऐसा करने से मना कर दिया। उनके मना करने पर कुछ युवा भड़क गए। आरोप है कि उन्होंने गालियां दीं और फिलिस्तीन भेजने की बात कही। पलिस पर अभद्र व्यवहार का आरोप लगाते हुए नाराज़ लोगों ने मेंहदी का जुलूस नगर के गलियों में घुमाने से मना कर दिया था। घटना की सूचना पर भाटपाररानी के पुलिस उपाधीक्षक शिव प्रताप सिंह ने लोगों को समझा बुझा कर मेहंदी जुलूस सकुशल सम्पन्न कराया।

  • फिलिस्तीन के झंडे लहराने के मामले की पुलिस कर रही जांच

धार्मिक जुलूस में किसी दूसरे देश के झंडे लहराने के औचित्य पर सवाल खड़ा हो रहा। यदि कोई नाबालिग यह झंडा लहराया तो उसे इस झंडे को किसने दिया? पुलिस इस मामले की जाँच कर रही है।

 अधिवक्ता की राय 

अधिवक्ता ऋतु पांडे ने दलील दिया है कि गत वर्ष इसी तरह का एक मामला भदोही में आया था।बीएनएस की धारा 197 (2) के तहत भदोही में जुलूस के दौरान फिलिस्तीन का झंडा फहराने पर दो लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी । इस धारा में पांच साल की जेल और जुर्माने की सजा हो सकती है।

स्वाभिमान जागरण की अपील 

स्वाभिमान जागरण ने नगरवासियों से अपील की है कि त्योहार आपसी सौहार्द के वातावरण में अपने धार्मिक वसूलों के अनुसार मनाएं। किसी के उकसावे पर कोई ऐसा कदम न उठायें जो आप के धार्मिक मान्यता, सामाजिक सौहार्द व राष्ट्रीय एकता के प्रतिकूल हो।

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