सरयूपारीण ब्राह्मण समाज ने हर्षोल्लास के साथ मनाई तुलसीदास जयंती
देवरिया विधायक डॉ शलभ मणि त्रिपाठी ने भी किया कार्यक्रम में शिरकत
जयपुर | गोपालपुरा बाइपास स्थित कृष्ण विहार हनुमान मंदिर में सरयूपारीण ब्राह्मण समाज, राजस्थान के तत्वावधान में गोस्वामी तुलसीदास जयंती कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमे सुन्दरकाण्ड का पाठ और वरिष्ठजन को स्मृति चिन्ह और अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया तथा जानकारों द्वारा गोस्वामी तुलसीदास के जीवन पर प्रकाश डाला गया।
कार्यक्रम संचालक डॉ जयनारायण शुक्ल ने अपने विचार व्यक्त करते हुए मानस के विभिन्न प्रसंगों के माध्यम से बताया कि किस तरह हम आजके भटके युवा वर्ग को सही मार्ग पर लाकर उसे सही संस्कार दे सकते हैं। मौके पर समाज के अध्यक्ष ओमप्रकाश त्रिपाठी ने कहा कि गोस्वामी तुलसीदास ने रामचरितमानस लिखकर पूरी दुनिया को जीवन जीने की कला सिखाई है। तुलसीदास जी ने 12 पुस्तकों की रचना की मगर सबसे अधिक ख्याति रामचरित मानस को मिली। भगवान श्रीराम ने मानवता के कल्याण हेतु जो कार्य किए, उन्हें दुनिया भर में जन-जन तक पहुंचाने का श्रेय रामचरित मानस को ही जाता है। इस ग्रंथ ने मनुष्य को जीवन जीने की कला सिखाई है।उन्होंने कहा कि महर्षि बाल्मीकि ने संस्कृत में रामायण लिख थी लेकिन इस भाषा की पहुंच आम जन तक नहीं थी। इस तरह गोस्वामी तुलसीदास ने अवधी में रामचरित मानस की रचना कर हिंदी के विकास में भी अहम योगदान दिया है। आज गोस्वामी तुलसीदास रचित ग्रंथ रामचरित मानस को लोगों को अपने जीवन में उतारने की जरूरत है तभी पूरी मानवता का कल्याण हो पाएगा।
कार्यक्रम के अंत में सुरेन्द्र चौबे ने कहा की तुलसी के साध्य राम की भक्ति है, पर साधन है उनकी कविता, तुलसी कविता की परिभाषा देते हुए कहते हैं कि कविता वह है जो बुद्धिमानों को संतुष्ट करती है, आम आदमी का मनोरंजन करती है व तात्कालिक समस्याओं का समाधान करती है। उनका काव्य हमारे भीतरी और बाहरी तापों का शमन करने में सक्षम है। यही कारण है कि वे सांस्कृतिक क्रांतिकारी माने जाते हैं।
कार्यक्रम में देवरिया जिला के विधायक और मुख्यमंत्री के पूर्व मिडिया सलाहकार डॉ शलभ मणि त्रिपाठी ने सबका आभार प्रकट करते हुए कहा कि यहाँ आने पर बिल्कुल परिवार जैसा महसूस हो रहा है और ऐसे कार्यक्रम हमेसा होते रहने चाहिए ताकि सभी गोस्वामी तुलसीदास जी के बारे में जन सके। अंत में उन्होंने सभी को चंद्रयान 3 की शुभकामनाये दी ।
उपरोक्त अवसर पर ए के पाण्डेय, एस डी मिश्रा, एडवोकेट रवि त्रिपाठी, डॉ रविकांत त्रिपाठी, मधुलेश पाण्डेय, तुंगनाथ त्रिपाठी, प्रो जय प्रकाश पाण्डेय, विजय पाण्डेय, सहित अन्य लोग उपस्थित थे।