नगर पंचायत में आवारा कुत्तों का आतंक, दहशत में स्कूली बच्चे और राहगीर
प्रशासन की उदासीनता से लोगों में बढ़ा आक्रोश

खखरेरू/फतेहपुर — नगर पंचायत क्षेत्र में इन दिनों आवारा कुत्तों का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है। झुंड के रूप में घूम रहे कुत्तों ने स्थानीय नागरिकों का जीना मुश्किल कर दिया है। नगर के लगभग सभी वार्डों में कुत्तों की संख्या तेजी से बढ़ी है, जिसके कारण आमजन खासकर बच्चों और बुजुर्गों में भय का माहौल बना हुआ है।
स्थानीय लोगों के अनुसार सुबह–शाम स्कूल जाने वाले बच्चे, पैदल यात्री और मोटरसाइकिल सवार आए दिन आवारा कुत्तों के हमले से परेशान हैं। कई लोगों के गिरकर घायल होने की घटनाएँ भी सामने आई हैं। माता-पिता का कहना है कि बढ़ते खतरे के कारण वे अपने बच्चों को पार्क या गली में खेलने तक नहीं भेज पा रहे हैं।
नगरवासियों ने बताया कि बीते कुछ महीनों में कुत्तों की संख्या इतनी बढ़ गई है कि रात के समय घरों के बाहर निकलना भी मुश्किल हो गया है। वार्डों में गंदगी और खुले में फेंका जाने वाला कचरा भी कुत्तों के झुंड बढ़ने का एक बड़ा कारण बताया जा रहा है।
लोगों का आरोप है कि नगर पंचायत प्रशासन की ओर से अब तक आवारा कुत्तों को पकड़ने या उनके नियंत्रण के लिए किसी भी प्रकार की प्रभावी कार्रवाई नहीं की गई है। कई बार शिकायत करने के बावजूद केवल आश्वासन ही मिलता है, जिससे नागरिकों में नाराजगी बढ़ती जा रही है।
इस संबंध में जब नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी (EO) से संपर्क किया गया तो उन्होंने बताया कि— “नगर पंचायत क्षेत्र में आवारा कुत्तों की बढ़ती संख्या पर नियंत्रण के लिए शीघ्र ही अभियान चलाया जाएगा। डॉग स्क्वॉड की टीम बुलाने की प्रक्रिया चल रही है। कुत्तों को पकड़कर वैक्सीनेट कर सुरक्षित स्थान पर छोड़ा जाएगा। नागरिकों से अपील है कि वे कूड़ा-कचरा निर्धारित स्थानों पर ही फेंकें जिससे कुत्तों की आवाजाही कम हो सके।”
नगर वासियों को अब भी उम्मीद है कि प्रशासन जल्द ही ठोस कदम उठाएगा, ताकि बढ़ते कुत्ता आतंक से राहत मिल सके और बच्चे व आम नागरिक सुरक्षित माहौल में अपने दैनिक कार्य कर सकें।


