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स्वच्छ भारत का ‘संदेश’ देती मास्टर कॉलोनी की बदहाल सड़क और बजबजाती नालियां।

पांच साल से सफाई और निर्माण के इंतजार में, दो हजार की आबादी बेहाल।

 

स्वाभिमान जागरण संवाददाता, खजुरिया, महराजगंज

स्वच्छ भारत अभियान भले ही देशभर में स्वच्छता का संदेश दे रहा हो।पर ठूठीबारी ग्राम सभा की मास्टर कॉलोनी इसकी सच्चाई को आइना दिखा रही है। दो हजार से अधिक की आबादी वाली इस कॉलोनी की हालत वर्षों से बदतर बनी हुई है। पांच साल गुजर जाने के बावजूद न तो सड़कों का निर्माण हो सका और न ही नालियों की सफाई हुई। इस कॉलोनी में अधिकांश घर शिक्षकों और सरकारी कर्मचारियों के हैं। लेकिन बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव है। सड़कें गड्ढों में तब्दील हो चुकी हैं और जगह-जगह कीचड़ पसरा रहता है। वहीं नालियों की हालत इतनी दयनीय है कि बजबजाती गंदगी से उठती बदबू रहवासियों का जीना दूभर कर चुकी है।

कालोनी में रहने वालों का कहना है कि कई बार जन प्रतिनिधियों से कॉलोनी की समस्या को लेकर दर्जनों बार गुहार लगाया गया लेकिन कोई सुनवाई नहीं। नालियों की सफाई के नाम पर कभी कभार खानापूर्ति कर ली जाती है, जो अगले ही दिन फिर उसी हाल में नजर आती है। बरसात के दिनों में स्थिति और भी भयावह हो जाती है, जब नाली का गंदा पानी सड़कों पर बहता है और घरों केसामने जलभराव की स्थिति बन जाती है। इससे मच्छरों का प्रकोप और बीमारी फैलने का खतरा हमेशा मंडराता रहता है। मास्टर कॉलोनी की यह दुर्दशा प्रशासन की उदासीनता और ग्राम सभा की विफलता का प्रमाण है। जिस कॉलोनी से कालेज के छात्र छात्राओं की शिक्षित करने वाले शिक्षक निकलते हैं, उनकी बस्ती आज बुनियादी सुविधा के लिए तरस रही है। सवाल यह है कि क्या यही है ‘स्वच्छ भारत’ का सपना? लेकिन जिम्मेदारों के कानों तक शायद अब भी यह सड़ांध व बदबू नहीं पहुंच रही है।

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