गरीब एवं असहाय किसानों के पहुंच से अभी भी दूर है यूरिया।
साधन सहकारी समिति मटकोपा पर खाद के लाइन में खड़े हैं किसान।

स्वाभिमान जागरण संवाददाता अड्डा बाजार, महराजगंज।
समितियों पर कई खेप यूरिया पहुंचने के बाद अभी भी गरीब एवं असहाय किसानों के पहुंच से यूरिया बहुत दूर हो गई है। अब भी दर्जनों किसान सुबह से शाम समितियों के चक्कर काट रहे हैं। एक एक बोरी यूरिया के लिए समितियों पर किसान धक्के खा रहे हैं, फिर उन्हें एक बोरी यूरिया नहीं मिल रही है। समितियों पर बराबर यूरिया उर्वरक तो बराबर आ तो रही है, लेकिन जा कहां रही है। यह बात में समझ में नहीं आ रहा है। आखिर समितियों पर स्थानीय किसानों की लंबी लाइन कम क्यों नहीं हाे रही है। यह सवाल हर किसी के दिलों दिमाग में कांटे की तरह चुभ रहा है। साधन सहकारी समिति मटकोपा पर जब भी खाद का वितरण होता है। शोर शराबा जरूर होता है। समिति पर किसानों की भीड़ कभी कम होने का नाम ही नहीं ले रहा। किसान मटकोपा समिति के सचिव के कार्यप्रणाली एवं व्यवहार से बेहद खफा हैं। किसान निजामुद्दीन, जितेंद्र, विनोद कुमार, दिवाकर का कहना है कि मटकोपा समिति के सचिव स्थानीय किसानों के बजाय बाहरी किसानों को निर्धारित मूल्य से अधिक कीमत लेकर यूरिया का वितरण भेदभावपूर्ण तरीके से करते हैं। जिम्मेदार लोग भी यूरिया वितरण में हो रही दुर्व्यवस्था को दूर करने में पूरी तरह से विफल साबित हो रहे हैं। सहायक विकास अधिकारी सहकारिता कमलेश शाही का कहना है कि किसानों को नियमानुकूल उर्वरक वितरण करने का आदेश किया गया है। उर्वरक ज्यादातर किसानों को मिल गई है। जिन किसानों को नहीं मिला है, उन्हें भी मिल जाएगा। इसमें कोई चिंता की बात नहीं है। उन्होंने कहा कि शिकायतों की जांच कर कार्रवाई की जाएगी।



