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शुद्ध पानी के लिए पड़े लाले, दूषित पानी पीने को मजबूर ग्रामीण।

स्वाभिमान जागरण संवाददाता महराजगंज।

मिठौरा क्षेत्र के दर्जनों गांव इन दिनों भीषण पेयजल संकट से जूझ रहे हैं। कहीं हैंडपंपों का पानी दूषित निकल रहा है, तो कहीं बन्द पड़े हुए हैं। हालात यह हैं कि ग्रामीणों को मजबूरन गंदा और प्रदूषित पानी पीना पड़ रहा है। यही कारण है कि गांवों में बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक पेट और त्वचा संबंधी बीमारियां तेजी से फैल रही हैं। अविनाश कुमार, चंदन, महाबीर, संतमुनि, राजेश शर्मा, प्रदीप, जितेंद्र, इंदर, अभिषेक, सुनील कुमार आदि क्षेत्रीय ग्रामीणों का कहना है कि जल निगम और प्रशासन के लाख दावों के बावजूद गांवों तक शुद्ध पेयजल की सुविधा नहीं पहुंच पाई है। गर्मी और बरसात के मौसम में नल जल योजनाएं दम तोड़ देती हैं और हैंडपंपों से निकलने वाला पानी बदबूदार व पीला हो जाता है। मजबूरी में लोग छोटे नलों के प्रदूषित पानी का इस्तेमाल कर रहे हैं। हरपुर खुर्द, बसवार, पिपरा सोनाड़ी, पड़री कला, सोहगौरा, मधुबनी, नंदाभार, भगवानपुर उर्फ भूलना सहित दर्जनों गांवों के हालात सबसे ज्यादा खराब हैं। शिकायत करने के बाद भी न तो हैंडपंपों की सफाई कराई गई और न ही क्लोरीन डालने की व्यवस्था की गई। इस जल संकट ने ग्रामीणों के जीवन को नरक बना दिया है। सबसे ज्यादा दिक्कत गरीब और मजदूर तबके के लोगों के लिए है, जिनके पास न तो पानी खरीदने की क्षमता है और न ही सुरक्षित विकल्प। क्षेत्रीय ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही शुद्ध पेयजल व्यवस्था व हैंडपंपों को ठीक नहीं की गई तो वे सामूहिक आंदोलन करने को बाध्य होंगे। इस सम्बंध में एडीओ पंचायत कौशल किशोर सिंह ने बताया कि जांच करा चिन्हित कर हैंडपंपों को ठीक करा दिया जाएगा।

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