फतेहपुर

सौ बीमारी का एक इलाज बुंदेलखंड राज्य- प्रवीण पांडेय बुंदेलखंडी

बुंदेलखंड राष्ट्र समिति ने आंदोलन को गांव गांव तक पहुंचाया

बुंदेलखंड राज्य की मांग तेज़, आंदोलन ने पकड़ी रफ़्तार

79 साल बाद भी उपेक्षित है क्षेत्र, संसाधनों के बावजूद पिछड़ा हुआ बुंदेलखंड

खागा फतेहपुर ::- बुंदेलखंड राज्य की माँग एक बार फिर से तेज़ हो गई है। केंद्रीय अध्यक्ष प्रवीण पांडेय बुंदेलखंडी के नेतृत्व में बुंदेलखंड राष्ट्र समिति ने कहा है कि आज़ादी के 79 वर्ष बाद भी यह क्षेत्र विकास और बुनियादी सुविधाओं से वंचित है।

2 करोड़ आबादी और 70 हजार वर्ग किमी क्षेत्रफल

समिति ने स्पष्ट किया कि बुंदेलखंड की करीब 2 करोड़ की आबादी और 70,592 वर्ग किलोमीटर का क्षेत्रफल है।

यदि इसे स्वतंत्र राज्य बनाया जाए तो यह देश का 18वाँ सबसे बड़ा राज्य होगा।

न विश्वविद्यालय को बजट, न मिला हवाई अड्डा

प्रवीण पांडेय ने कहा कि उच्च शिक्षा के नाम पर बुंदेलखंड विश्वविद्यालय को “शून्य बजट विश्वविद्यालय” बना दिया गया है।

सरकार से कोई विशेष सहयोग नहीं मिलता।

आज तक क्षेत्र को न तो हवाई अड्डा मिला और न ही एम्स जैसा अस्पताल।

रेल संपर्क अधूरा है और रोजगार के अवसर लगभग समाप्त हैं।

क्या विकास केवल महानगरों का हक है?

समिति ने सवाल उठाया कि क्या विकास केवल महानगरों के नसीब में है?

बुंदेलखंडी गाँवों में रहने वाले लोग आज भी न रोजगार पा रहे हैं, न पढ़ाई की बेहतर व्यवस्था है, न अच्छी दवाई उपलब्ध है और न ही कमाई के अवसर।

ग्रामीण जीवन लगातार संकटों से जूझ रहा है।

विधानसभा में भी उठा था मुद्दा

उन्होंने याद दिलाया कि 2011 में उत्तर प्रदेश विधानसभा में बुंदेलखंड राज्य का प्रस्ताव पारित हुआ था।

उस समय राज्य सरकार ने फतेहपुर, कौशांबी और कानपुर देहात को भी बुंदेलखंड राज्य में शामिल कर प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा था, लेकिन उस पर कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया।

पांडेय के 42 खून से लिखे खत

बुंदेलखंड राष्ट्र समिति के संघर्ष का उल्लेख करते हुए प्रवीण पांडेय ने बताया कि उन्होंने अब तक 42 बार अपने खून से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खत लिखा है।

इसके अलावा एक लाख से अधिक खत भेजकर जनता की पीड़ा और भावनाएँ प्रधानमंत्री तक पहुँचाई गई हैं।

राखियों से बुंदेलखंड की माँग

इसी वर्ष समिति के अभियान में गुरुपूर्णिमा से जन्माष्टमी के बीच 250 से अधिक विद्यालयों से एक लाख से अधिक राखी पत्र प्रधानमंत्री को भेजे गए।

इन राखियों के माध्यम से बच्चों और युवाओं ने भी बुंदेलखंड राज्य की माँग को प्रकट किया।

“बुंदेलखंड का विकास केवल राज्य बनने से”

प्रवीण पांडेय ने कहा कि बुंदेलखंड का वास्तविक विकास तभी संभव है जब यह स्वतंत्र राज्य बने।

उन्होंने कहा – “अब जनता को संगठित होकर संघर्ष तेज़ करना होगा, ताकि हमारा हक हमें मिल सके। जय बुंदेलखंड, हमें हमारा राज्य चाहिए।”

Dainik Swabhiman Jagran

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