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यूपी – बिहार बार्डर स्थित मेहरौना चौकी पर पुलिस की “तीसरी आंख” में रोशनी नहीं

देवरिया जिले के अति संवेदनशील पुलिस चौकी का हाल

पांडे एन डी देहाती /स्वाभिमान जागरण संवाददाता

देवरिया।यूपी-बिहार के प्रमुख बार्डर लार थाना क्षेत्र के मेहरौना चौकी पर दो सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। यह दिखावटी हैं। ये चलते नहीं हैं। पुलिस को इसका पासवर्ड तक मालूम नहीं है. जिससे इन्हें रिचार्ज किया जा सके। पूर्व चौकी प्रभारी प्रमोद सिंह के कार्यकाल के बाद से ही ये कैमरे निष्क्रिय हो गए. न किसी चौकी प्रभारी को इसकी चिंता रही और न ही लार के किसी थानेदार ने इस संबंध में कोई रुचि ली। अभी हाल ही में मेहरौना में भूजा विक्रेता राजू पाल की हत्या हुई। पुलिस अधीक्षक, एडिशनल एसपी, सीओ सभी इस चौकी पर गए किसी ने चौकी पर लगे कैमरों पर ध्यान नहीं दिया। ग्रामीणों के निजी घरों पर लगे कैमरों के सहारे ही पुलिस जांच आगे बढ़ी और पुलिस के हाथ अभियुक्तों के गिरेवान तक पहुंचे।

गोरखपुर में नीट छात्र दीपक गुप्ता की पशु तस्करों द्वारा की गयी हत्या के बाद शासन की भृकुटी तनी है। कुशीनगर व देवरिया के पुलिस कप्तान हटा दिये गए हैं। कुशीनगर में दो दर्जन से ऊपर पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई हुई है। समूचे मंडल में पशु तस्करों की पुरानी फाईले निकाली जा रही हैं। उनके चालान किए जा रहे हैं। पूर्वाचल में पशु तस्करी नेटवर्क को तोड़ने के लिए पुलिस अब तकनीकी और भौतिक निगरानी पर विशेष जोर दे रही है। गोरखपुर. कुशीनगर, देवरिया और महराजगंज जिलों के सभी थाना व चौकी प्रभारियों को निर्देश दिए गए हैं कि दो दिन के भीतर प्रमुख मार्गों और संपर्क सड़कों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं। विशेषकर वे रास्ते जो जिले और प्रदेश की सीमाओं से जुड़े हैं. वहां निगरानी अनिवार्य होगी। डीआईजी डॉ. एस चनप्पा ने स्पष्ट किया कि सीमा और हाईवे पर निगरानी पुख्ता होनी चाहिए। दो दिन बाद सभी जिलों में इसकी जांच की जाएगी। यदि कैमरे बंद पाए गए या सिर्फ दिखावे के लिए लगाए गए. तो संबंधित थानेदार और चौकी प्रभारी सीधे जिम्मेदार होंगे।

मेहरौना चौकी देवरिया जनपद की सबसे संवेदनशील पुलिस चौकी है। यह चौकी राम जानकी मार्ग पर स्थित है। यह मार्ग शराब तस्करी और पशु तस्करी के लिए कुख्यात है। इस चौकी पर कई बार हमले हो चुके हैं। अभी हाल ही में वाहन चेकिंग के दौरान यहाँ एक ही बाइक पर सवार तीन युवकों ने पुलिस से मारपीट कर ली थी। बाद में उन लोगों को किसी प्रकार काबू में किया गया था, ज़ब आसपास के दुकानदार और ग्रामीण चौकी के स्टॉफ के पक्ष में खड़ा हुए थे। ऐसे चौकी पर लगा सीसीटीवी कैमरा न चलना विचारणीय है।

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