देवरिया का शैक्षणिक अतीत व देवाश्रम मठ लार

एन डी देहाती /स्वाभिमान जागरण
देवरिया, जब गोरखपुर जिले का तहसील हुआ करता था। 8 अक्टूबर 1912 को गोरखपुर के तत्कालीन डीएम ने देवरिया ने किंग एडवर्ड हाइस्कूल की स्थापना की, आजाद भारत में यह राजकीय इंटर कॉलेज हुआ। मझौली की महारानी श्याम सुंदरी कुंवरी से बरहज में जमीन दान में लेकर 1924 में किंग जार्ज हाई स्कूल की स्थापना हुई जो आजादी के बाद हर्ष चंद इंटर कॉलेज हुआ। मझौली महारानी ने 1926 में अपने नगर में कौशल किशोर मल्ल हाई स्कूल की स्थापना की जो आज राजा बलभद्र मल्ल इंटर कॉलेज है।
शिक्षा के क्षेत्र में बाबा राघव दास, मदन मोहन मालवीय, स्वामी देवानंद गिरि आदि संतों महंतों के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। बाबा राघवदास के अनन्य सेवक भाटपार तहसील स्थित भठवा तिवारी के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी पंडित विजय नाथ तिवारी व उनके भाई पं. सच्चिदानन्द त्रिपाठी ने भाटपार में बाबा राघवदास कृषक हाईस्कूल की स्थापना की। आचार्य केशव चन्द्र मिश्र के मदनमोहन मालवीय शिक्षण संस्थान में कई विद्यालय प्रतिष्ठित हैं।
खुखुन्दु में स्वर्गीय विश्वनाथ राय ने शिवाजी इण्टर कालेज खोला जो आज विश्वनाथ राय काकन्द पी. जी. कालेज खुखुन्दू, दीपनारायण मणि त्रिपाठी ने बी.आर.डी.पी.जी. कालेज देवरिया की स्थापना की। , देवनन्दन शुक्ल बाबा राघवदास इण्टर कालेज देवरिया की स्थापना किए थे। नन्द किशोर तिवारी ने सन्त विनोबा डिग्री कालेज देवरिया एवं कोहरा सुतावर इण्टर कालेज सुतावर की स्थापना की थी। रामनगीना सिंह ने पं. जवाहर लाल कृषक इण्टर कालेज महुआबारी, बालबाबू शास्त्री ने महन्थ मणि पर्वत इण्टर कालेज विशुनपुरा, विश्वनाथ सिंह ने जनता इण्टर कालेज रामपुर अवस्थी,रघुराज सिंह ने गोपाल कृष्ण गोखले इण्टर कालेज बहियारी बघेल, श्यामसुन्दर सिंह ने जनता इण्टर कालेज पुरैनी परसिया, सूर्यबली पाण्डेय ने सतासीराज इण्टर कालेज रूद्रपुर, पंडित शत्रुघ्न पति त्रिपाठी उर्फ़ बबुआ जी ने पिंडी में शिक्षण संस्थान की स्थापना की। इसके अलावा जिले में दर्जनों विभूतियों ने सैकड़ों शिक्षण संस्थान स्थापित किए।
लार में ब्रह्मलीन स्वामी देवानंद गिरि ने श्री देव राष्ट्र भाषा लघु माध्यमिक विद्यालय की नीव वहां रखी थी जहाँ आजकल अध्यापकों और कर्मचारियो के आवास हैं। वर्तमान में वह स्कूल संस्कृत महा विद्यालय के दक्षिण तरफ संचालित होता है। स्वामी देवानंद महराज के शिष्य स्वामी चंद्रशेखर गिरि ने अपने गुरु की शिक्षा ज्योति को और आलोकित किया आज स्वामी देवानंद पीजी कॉलेज चल रहा है। बीएड और पी एच डी के छात्र यहाँ अध्ययन करते हैं। मठ लार में कई शिक्षण संस्थान संचालित होते हैं। ब्रह्मलीन स्वामी चंद्रशेखर गिरि ने शिक्षण संस्थान के उत्थान के लिए ईंट भटठे का उद्योग, राशन कोटे की दुकान तक चलाई। अपनी लोक प्रियता की बदौलत लार नगर पंचायत के चेयर मैन भी चुने गए। उन्होंने अपना उत्तराधिकारी स्वामी भगवान गिरि को बनाया। आज कल स्वामी भगवान गिरि के उत्तराधिकारी के रूप में स्वामी अभयानन्द गिरि शिक्षण संस्थाओं की देखभाल कर रहे हैं।



