पांचवे दिन भी डटी रही आशा कार्यकत्रियां।

स्वाभिमान जागरण संवाददाता बृजमनगंज महराजगंज।
बृजमनगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र परिसर में शुक्रवार को भी आशा कार्यकत्रियों का धरना जारी रहा, लगातार पांचवें दिन भी डटी रही अपनी मांगों के समर्थन में। 3 नवंबर से शुरू हुए इस आंदोलन ने अब उग्र रूप ले लिया है, सैकड़ों आशा कार्यकत्रियां सरकार के विरुद्ध एकजुट हैं और अपनी आवाज बुलंद कर रही हैं, निश्चित मानदेय और राज्य कर्मचारी के दर्जे के लिए।
अध्यक्ष रीता ने तल्ख लहजे में कहा, आशा बहुएं दिन-रात गांव-गांव जाकर माताओं और बच्चों की देखभाल करती हैं, स्वास्थ्य योजनाओं को सफल बनाती हैं, लेकिन सरकार हमें सिर्फ 2200 का मानदेय देकर हमारे श्रम का अपमान कर रही है, अब हम खामोश नहीं रहेंगी जब तक सम्मानजनक मानदेय और राज्य कर्मचारी का दर्जा नहीं मिलेगा, तब तक यह धरना जारी रहेगा।
उन्होंने कहा कि सरकार की बेरुखी से आशा बहुओं का धैर्य टूट चुका है, हम संघर्ष से पीछे हटने वाले नहीं, यह आंदोलन हमारा अधिकार पाने तक जारी रहेगा।
धरने पर बैठी कार्यकत्रियों ने बताया कि उन्होंने प्रसव कार्यों को छोड़कर बाकी सभी स्वास्थ्य सेवाओं का बहिष्कार कर दिया है।
1.आशा बहुओं से 30 दिन लगातार काम लिया जाता है, इसलिए उन्हें नियमित मानदेय पर रखा जाए।
2.आशा बहुओं को राज्य कर्मचारी का दर्जा दिया जाए।
3.उन्हें कम से कम 20,000 का निश्चित मानदेय दिया जाए, जो वर्तमान में मात्र 2200 के लगभग तक सीमित है।
धरने में मौजूद आशा बहुओं ने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने जल्द उनकी आवाज नहीं सुनी, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।
इस धरने में संध्या विश्वकर्मा, मेनका, पिंगला, पूनम साहनी, पूनम गौड़, सरिता, सविता, राजेश्वरी, अनीता, रीता, फूलमती, ममता, रेशमी, पुष्पा, गीता देवी, मीरा पासवान, रीता सिंह, आशा गुप्ता, कौशल्या, सुभावती, प्रभावती समेत सैकड़ों आशा बहुएं मौजूद रहीं।



