जुआरियों का अड्डा बना क्षेत्र, जिम्मेदार मौन।

स्वाभिमान जागरण संवाददाता बृजमनगंज महराजगंज।
थाना क्षेत्र में खुलेआम चल रहे जुए के कारोबार पर रोक न लगने से कस्बा ही नहीं, आसपास के गांवों का माहौल लगातार खराब होता जा रहा है। पढ़ाई-लिखाई की उम्र में ही कई नौजवान जुए के जाल में फंसकर अपनी जिंदगी बर्बाद करने की ओर बढ़ रहे हैं।
क्षेत्र के सुनसान बागों से लेकर घनी आबादी वाले इलाकों तक हर जगह शौकीनों को समूह बनाकर ताश के पत्तों के साथ जुआ खेलते देखा जा सकता है। इनकी संख्या और दबंगई को देखते हुए स्थानीय लोग इन्हें रोकने या टोकने से कतराते हैं। जुआरियों के शोर-शराबे से आसपास का माहौल भी खराब होता है, फिर भी थाना पुलिस इन गतिविधियों पर प्रभावी रोक लगाने में नाकाम साबित हो रही है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि पुलिस कभी-कभार खानापूरी के लिए अभियान चलाकर कुछ ताश के पत्ते और कुछ रकम जब्त कर मौखिक कार्रवाई दिखा देती है, लेकिन इसके बाद फिर वही जुआरी दोबारा सक्रिय हो जाते हैं। शिकायतें भी हल्का के सिपाहियों के स्तर पर गंभीरता से नहीं ली जातीं।
थानाध्यक्ष सत्य प्रकाश सिंह ने बताया कि पुलिस को लगातार गश्त के दौरान क्षेत्र की गतिविधियों पर निगरानी रखने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि “जुआरियों के खिलाफ समय-समय पर छापेमारी कर कार्रवाई की जाती है।”
स्थानीय लोगों का कहना है कि जुआ जैसे अपराध पर कड़ी और निरंतर कार्रवाई जरूरी है, वरना यह लत युवाओं को अपराध की ओर धकेलती रहेगी।



