धूम धाम से मनाया गया नागपंचमी का त्यौहार

खागा फतेहपुर शुक्रावर को धूम धाम से नाग पंचमी का त्यौहार मनाया गया। सभी घरों में नाग देवता की पूजा की गई उन्हें दूध पिलाया गया तथा कपड़े से गुड़िया बना कर बच्चों ने उन्हें खूब पीटा।
आपको बता दें कि इस त्यौहार में लोग घरों में नाग देवता को ईश्वर भगवान मान कर मिट्टी या गाय के गोबर से नाग देवता की प्रतिमा बना कर उनकी पूजा करते हैं और उन्हे दूध पिलाते है। यह त्यौहार सावन मास में मनाया जाता है घरों में विभिन्न प्रकार के पकवान भी बनाए जाते हैं। बच्चे कपडे की गुड़िया बना कर सड़क पार डाल देते हैं फिर उसे डंडो से पीटते है। इस महिलाएं और बच्चे पेड़ो पर झूला डाल कर झूला भी झूलते है। ऐसा माना जाता है कि प्राचीन काल में एक बालक भगवान शिव का बहुत बड़ा भक्त था और वह रोज भगवान शिव की पूजा करने जाता था तो भगवान नाग देवता उसे रोज दर्शन देते थे एक दिन सावन के महीने मे जब वह मन्दिर में पूजा करने गया तो अपनी छोटी बहन को भी अपने साथ ले गया पूजा करते हुए नाग देवता उसकी भक्ति से इतना प्रसन्न हो गए कि वह नाग देवता उनके पास आकर के बैठ गए नाग को देखकर डर गई सोचने लगी कही या नाग देवता उन्हें काट ना ले इसलिए वह डंडों से उन्हें पीटने लगी जिससे नाग देवता काफी घायल हो गए मंदिर में बैठे पुजारी ने बालक से कहा की आपकी बहन नाग देवता को मारा है वह घायल हो गए हैं इससे उसे सर्प दोष लगेगा और उसे जीवन में बहुत कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा बहन को इस सर्प दोष से मुक्ति दिलाने के लिए बालक ने पुजारी से पूछा तो उन्होंने बताया कि इस दोष से मुक्ति पाने के लिए कपड़े की गुड़िया बनाकर उसे 11 बार सीधा और 11 बार उल्टा पीटो तो आपकी बहन इस सर्प दोष से मुक्ति पा जाएगी और वह सुरक्षित रहेगी और कभी भी किसी कन्या को सर्प दोष नहीं लगेगा तभी उस बालक ने उसे कपड़े की गुड़िया बनाई और उसे 11 बार सीधा और 11 बार उल्टा पीटा और उसकी बहन को सर्पदोष से मुक्ति मिल गई ,तभी से यह प्रथा चलने लगी की नाग पंचमी के दिन गुड़िया को पीटा जाए तो सर्प दोष नहीं लगता है ।


