पिता की मृत्यु पर दस दिन का अवकाश भी नहीं
देवरिया के एक पुलिसकर्मी का अवकाश प्रार्थना पत्र वायरल
पिता के श्राद्ध कर्म के लिए छुट्टी को तरस रहा पुलिसकर्मी
स्वाभिमान जागरण संवाददाता
देवरिया। पुलिस पर तमाम तरह के आरोप लगते हैं, लेकिन कभी किसी ने पुलिसकर्मियों के दर्द को समझने का प्रयास नहीं किया। यूपी में जब जब कोई पर्व त्योहार आते हैं तो सबसे पहले कानून व्यवस्था को दुरुस्त रखने के लिए पुलिसकर्मियों की छुट्टियां रद्द कर दी जाती हैं। सिपाही स्तर से लेकर अधिकारी स्तर तक के पुलिसजन इससे प्रभावित होते रहते हैं।
ताजा मामला देवरिया जिले के एक मुख्य आरक्षी का प्रकाश में आया है। सोशल मिडिया पर उक्त पुलिसकर्मी का एक प्रार्थना पत्र वायरल हो रहा है। उक्त पत्र में दर्शाया गया है कि उनके पिता की मृत्यु हो गई और उन्हें हिंदू परंपरा के अनुसार अपने पिता का श्राद्ध कर्म कराने के लिए अंतेष्ठि तिथि से तेरही तक के लिए दस दिन के अवकाश की आवश्यकता है। आरक्षी के प्रार्थना पत्र पर प्रथम स्टेज के अधिकारी ने प्रार्थनापत्र पर सहानुभूति पूर्वक विचार कर दस दिन का इएल संस्तुति के साथ अग्रसरित कर दिया। वरिष्ठ अधिकारी के पास उक्त पत्र पहुंचने पर मात्र एक दिन 5 सितंबर के लिए अवकाश की अनुमति मिली है।
हिंदू मान्यता में जो पुत्र अंतेष्ठि करता है उसे प्रतिदिन सुबह घंट में जल अर्पण, शाम को प्रेत भोजन का निष्कासन, दसवें दिन दस गात्र पर मुंडन, एकादश पर महापात्र भोज व पिंडदान और बारहवीं या तेरहवीं को अपनी जातिगत पारंपरिक व्यवस्था के अनुसार ब्रह्मभोज कराना होता है। पुलिस की नौकरी में इन सभी कर्मकांडो को संपादित करने के लिए भी अर्जित अवकाश नहीं मिल पाना विचारणीय है। आप सोचिए किन परिस्थितियों में एक पुलिसकर्मी हम सभी की सुरक्षा और सेवा में तत्पर रहते हैं।



