LIVE TVउत्तर प्रदेशदेवरियाब्रेकिंग न्यूज़राजनीतिलेख

बहुत मशहूर है, आएँ ज़रूर आप यहां, ये मुल्क देखने लायक़ तो है, हसीन नहीं 

लार बाईपास पर पसरा कीचड़

 

पांडे एन डी देहाती/स्वाभिमान जागरण

लार। बस दो अक्षर का नाम। अतीत बहुत गौरवशाली, ऐतिहासिक। वर्तमान कुछ धुआँ धुआँ सा दिखता है। लार, वही वशिष्ठ का आश्रम। जहां ब्याघ्र के हमले से गिरी गाय से जुड़ते हुए एक मुहल्ले का नाम गया गिर पड़ गया। वशिष्ठ की गाय का लार जितने भूभाग पर गिरा उस समस्त क्षेत्र का नाम लार है। लार, मौनी बाबा, नागा बाबा, स्वामी देवानंद आदि पूज्य ऋषियों की तपोस्थली रही है। अंग्रेजी हुकूमत के दौरान यह वही लार है जो स्वतंत्रता दिवस के एक दिन पहले ही 14 अगस्त को स्वतंत्र हो चुका था। इसी लार के स्वतंत्रता आंदोलन के सेनानियों ने अंग्रेजी हुकूमत के दौरान जब लार थाने पर चढ़ाई की तो थानेदार सहित सभी सिपाही थाना छोड़ कर भाग गए थे और यहाँ के वीर जवानों ने 14 अगस्त 1947 को थाने के भवन पर तिरंगा लहरा दिया था। यही लार है जहां के लोगों ने लारी टायटिल लगाया और कई क्षेत्रों में देश दुनिया में अपना नाम रोशन किया। आज लिखना पड़ रहा – बहुत मशहूर है, आएँ ज़रूर आप यहां। ये मुल्क देखने लायक़ तो है, हसीन नहीं।
हसीन क्यों नहीं? का जवाब लार बाईपास दे रहा। लार बाईपास निर्माणाधीन है। पी डब्ल्यू डी ने एक घोषणा की थी कि यह सड़क 20 जून तक बंद रहेगी। लोगों को भरोसा जगा था कि बीस के बाद कुछ अच्छा हो जायेगा। अगस्त आधा बीत गया। इसकी दशा इस लायक भी नहीं की इस पर पैदल भी चला जा सके। वाहन तो कतई जा ही नहीं सकता। लार बाई पास सड़क नहीं कीचड़ है। इस सड़क का पूरा काम लीचड़ है। इस सड़क से कोई स्कूल स्वतंत्रता दिवस पर प्रभात फेरी नहीं निकाल सकता। इस सड़क से आप बाजार करने नहीं जा सकते। इस सड़क से बच्चे स्कूल नहीं जा सकते। इस सड़क से एम्बुलेंस नहीं जा सकती। इस सड़क से जिले में एक मात्र लगने वाले डोल मेला देखने नहीं जा सकते। कारण यह है कि सड़क पर कीचड़ है। यह कीचड़ केवल सड़क पर नहीं है यह उस सिस्टम की आँखों पर भी चढ़ चुका है जो यहाँ की नागरिकों की दुर्दशा को नहीं देख पा रहा। यह कीचड़ उन प्रशासनिक अफसरों के कलम की रोशनाई में समा चुका है जिनके एक कड़े पत्र लिखने से इस की सूरत बदल सकती थी। जनता आहें भर रही। जनप्रतिनिधि मौन हैं इस लिए भी मौन हैं कि अभी कोई चुनाव सामने नहीं है। समय सीमा में काम पूरा नहीं कराना वादा खिलाफ़ी है। इस सड़क के लिए सड़क पर उतर कर कई लोग ख्याति प्राप्त कर चुके हैं। यह सड़क जिस क्षेत्र में है उस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व सत्ताधारी दल और विपक्ष दोनों के हाथ में हैं। आश्चर्य, दोनों में कोई मुखर हो जाय तो आम नागरिक की यह दुर्दशा दूर हो जाय। अंत में बता दूँ, यह लार है। ज़ब जुबान से भीतर जाता है तो पाचन शक्ति ठीक करता है, भोजन को पचने देता है और यदि बाहर बहने लगता है तो भयंकर बीमारी का लक्षण है। लार में लार मत चुआईये, अतीत गौरवशाली रहा है तो वर्तमान को बेहतर बनाने में योगदान दीजिये।
जय हिन्द

🙏🙏🙏🙏🙏

 

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!