उत्तर प्रदेशदेशराजनीतिराज्य

हमारा देश भारत है, हम पर इस मिट्टी का ऋण है

आएं, स्वस्थ्य और समृद्ध भारत बनाने में योगदान करें

एक व्हाटसप ग्रुप के लिए संदेश

सभी आदरणीय सदस्य गण
सादर यथा उचित प्रणाम/ आशीष

इस बौद्धिक ग्रुप का निर्माण वर्ष 2022 में किया गया है। ग्रुप का नाम हमार देश हमार माटी है। इसके नाम में हमारी भोजपुरी संस्कृति की झलक है। आज हमें प्रसन्नता हो रही है कि इस वर्ष राजनीतिक क्षितिज पर मेरी माटी मेरा देश गूंज रहा है। शासन की मंशा के अनुरूप और प्रशासन के सहयोग से अब तो यह कार्यक्रम देश भक्ति की भावना से लवरेज होते हुए गांव की गलियों में पहुंच चुका है। सबकी अपनी अपनी दृष्टि और अपनी अपनी सोच होती है। मेरी दृष्टि में यह कार्यक्रम केवल एक राजनीतिक दल का कार्यक्रम होकर क्यों रह गया है? क्या इस कार्यक्रम में समस्त देशवासियों को सम्मलित होकर अपनी सहभागिता नहीं प्रदर्शित करनी चाहिए?आखिरकार क्यों जन सामन्य इस कार्यक्रम से नहीं जुड़ रहा है? इसके पीछे की वजह को तलाशने की भी जरूरत है।
यह देश सबका है। यह मिट्टी सबकी है। हम यहीं पैदा हुए। हमें इसी मिट्टी में मिल जाना है। फिर क्यों न इस कार्यक्रम को जन जन की प्राथमिकता में लाया जाय।
तमाम विमर्श के बाद हमारी समझ में यह बात सामने आई कि यह कार्यक्रम पूरी तरह से एक राजनीतिक दल के एजेंडा के अनुसार चल रहा है। कार्यक्रम में सम्मलित होने वाले हमारे चुने हुए माननीय जनप्रतिनिधि गण बढ़ चढ़ कर हिस्सा ले रहे हैं। होना भी चाहिए। वे हैं, तो हम सभी की सहभागिता समाहित है। देश का सम्मान है। इस मिट्टी का सम्मान है। उन सभी जनप्रतिनिधियों का भी सम्मान है जिन्होंने ने जनता का प्रतिनिधित्व बड़ी ईमानदारी से उन पंचायतों में निभाया, जिनके लिए जनता ने उन्हें चुना था।
राष्ट्रीय कार्यक्रम के बहाने अपने पुनरस्थापना का ख्वाब पाले जन प्रतिनिधियों से एक सवाल करना चाहिए। जब भी मौका मिले, आप सवाल करें। बस छोटा सा सवाल। आप ने *मेरी माटी* के लिया क्या किया? अगर आप अपने सवाल का सही जवाब पा जाएं तो उस जनप्रतिनिधि के साथ दूने उत्साह से लग कर राष्ट के उत्थान में उनका साथ दीजिए। अगर आप को लगता है कि आप के इस छोटे से सवाल के उत्तर से आप संतुष्ट नहीं हों तो उस जनप्रतिनिधि को इसी माटी में मिलाने के लिए लग जाएं। क्योंकि आप का गत में किया गया गलत चयन आगे के लिए इस माटी का बोझ न बने। हमारा देश वसुधैव कुटुंबकम की भावना से चलते हुए विश्व गुरु बन रहा है। इसका परचम लहरना ही चाहिए। जय हिंद, जय भारत।

सादर
पांडे एन डी देहाती
संपादक
स्वाभिमान जागरण

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!