उत्तर प्रदेशब्रेकिंग न्यूज़महाराजगंज

महाराजगंज महोत्सव की तैयारी पूरी, कल से होगा कार्यक्रम।

महोत्सव के अवसर पर सज चुका है जिला मुख्यालय।

 

स्वाभिमान जागरण संवाददाता महराजगंज।

जनपद की स्थापना के 36 वर्ष पूरे होने पर शुक्रवार से महराजगंज महोत्सव की शुरूआत होने जा रही है। तीन दिवसीय इस महोत्सव में सांस्कृतिक कार्यक्रमों की श्रृंखला देखने को मिलेगी, जिसमें स्थानीय कलाकारों के साथ-साथ बाहरी मेहमान कलाकार भी अपना जलवा बिखेरेंगे। आयोजन स्थल होगा पीजी कॉलेज का मैदान जहां पर सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं

इस जनपद की स्थापना 2 अक्टूबर 1989 को जनपद गोरखपुर से काट कर की गई थी। इसके बाद से जिले का विकास बहुत धीरे धीरे हुआ परन्तु विगत दस वर्षों में जिले ने विकास की दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम बढ़ाए हैं और अब यह अपनी अलग पहचान बना चुका है। जिले में सड़कों का जाल बिछ चुका है कभी जिन गांवों तक पहुंचना मुश्किल था, वहीं अब सड़क, शिक्षा और अन्य आवश्यक सुविधाओं ने विकास की नई कहानी लिख दी है।

 

कभी जहां शिक्षा व्यवस्था निम्न स्तर पर थी वहीं आज  जिले में 100 से अधिक महाविद्यालय और 1400 से अधिक बेसिक शिक्षा विभाग के स्कूलों सहित कुल 4000 से अधिक शिक्षण संस्थाएं कार्य कर रही हैं। तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए चार राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज और चार आईटीआई संस्थान भी संचालित हैं, इस वर्ष जिले के मुख्यालय को रेलवे सेवा की सौगात मिलने जा रही है, जिसके लिए पटरियां बिछाने का कार्य लगभग पूरा हो चुका है।

 

महोत्सव में ‘इत्र’ की खुशबू और ‘गुड़’ की मिठास :महराजगंज महोत्सव में 54 जनपदों से 54 हस्तशिल्पी और उद्यमी अपने उत्पादों की प्रदर्शनी लगाएंगे, उद्योग विभाग के माध्यम से सभी स्टॉल बुक किए जा चुके हैं।

उपायुक्त उद्योग अभिषेक प्रियदर्शी ने बताया कि इनमें ओडीओपी उत्पाद भी शामिल हैं। कन्नौज और हाथरस से आए शिल्पकार इत्र और धूपबत्ती की खुशबू बिखेरेंगे, वहीं अयोध्या के शिल्पी टंडन गुड़ की मिठास से आगंतुकों का मन मोहेंगे।

राजधानी लखनऊ से सर्वाधिक 11 स्टॉल जरी और एम्ब्रॉयडरी के हैं, जबकि हाथरस से 6 स्टॉल आर्टिफिशियल ज्वेलरी के हैं। सीतापुर से 8, रामपुर से 5, पीलीभीत से 2 स्टॉल लगाए जा रहे हैं। इसके अलावा कुशीनगर से केले के रेशे से बने उत्पाद और सिद्धार्थनगर से ‘काला नमक’ चावल के स्टॉल आकर्षण का केंद्र होंगे।

महराजगंज महोत्सव जिले की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर, कला और उद्यमिता का संगम बनकर जनपद की नई पहचान प्रस्तुत करेगा।

DSJ0081

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!