ड्राइवर का अभाव, कबाड़ हो रहे कूड़ा वाहन।
दुर्घटना की आशंका से सफाईकर्मी वाहन चलाने से भाग रहे दूर।

स्वाभिमान जागरण संवाददाता बृजमनगंज महाराजगंज।
बृजमनगंज ब्लॉक में स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के तहत ठोस एवं तरल कचरा प्रबंधन कार्य के लिए आरआरसी सेंटर (कूड़ाघर) का निर्माण अधिकांश ग्राम पंचायतों में कराया गया है। इसका उद्देश्य गांव के कचरे को एकत्र कर सेंटर पर लाना, सूखे और गीले कचरे को अलग करना तथा उससे खाद बनाने या अन्य तरीकों से राजस्व एकत्र करना था।
इसके लिए गांव से कूड़ा एकत्र कर आरआरसी सेंटर तक पहुंचाने हेतु ई-रिक्शा (लोडर) की खरीद की गई, लेकिन जिम्मेदारों की लापरवाही और उदासीनता के कारण इन्हें चलाने के लिए किसी चालक की तैनाती नहीं की गई। परिणामस्वरूप लगभग सभी ग्राम पंचायतों में ई-रिक्शा शोपीस बनकर रह गए हैं।
क्षेत्र के कुछ ग्राम प्रधानों ने कामचलाऊ व्यवस्था के तहत अस्थाई चालकों से कार्य लिया, लेकिन विभाग और ग्राम पंचायतों द्वारा स्थाई वाहन चालकों की व्यवस्था नहीं की गई। जबकि प्रधानों द्वारा कई बार इस समस्या के समाधान की मांग भी की गई।पंचायती राज विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों का कहना है कि कूड़े से प्राप्त राजस्व से चालकों का मानदेय देने की व्यवस्था की गई है। लेकिन प्रधानों का कहना है कि जब गांव से कूड़ा आरआरसी सेंटर तक पहुंचेगा ही नहीं, तो राजस्व की बात बहुत दूर की है।
वहीं, ग्राम पंचायतों में कार्यरत कई सफाईकर्मियों का कहना है कि हम लोग साफ-सफाई करें या वाहन चलाएं। यदि वाहन चलाते समय कोई घटना या दुर्घटना हो जाती है, तो उसका जिम्मेदार कौन होगा।



