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राजस्थान : आगामी चुनाव के लिए राजनीतिक माहौल तेज

जयपुर | राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, लेकिन राजस्थान में कांग्रेस के बीच अंदरूनी कलह के कारण कांग्रेस का सत्ता में वापसी का रास्ता आसान नहीं रहेगा। इसके अलावा का चुनावी इतिहास भी इस बात का साक्षी रहा है कि यहां जनता ने हर 5 साल में सत्ता में बदलाव किया है। राजस्थान में 1993 के बाद से हर पांच साल पर प्रदेश की सरकार बदलती रही है। सत्ता की यह अदला-बदली सिर्फ भाजपा और कांग्रेस के बीच होती रही है। राज्य में आगामी विधानसभा चुनाव के लिए राजनीतिक माहौल तेज हो रहा है। चुनाव प्रचार में आज कांग्रेस पार्टी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार पर तीखा हमला करते हुए भाषण दिया। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंग डोटासरा ने जनता से पूछा कि क्या प्रधानमंत्री के दावों पर भरोसा करने के बजाय, उन्हें विकास के मुद्दे पर गारंटी चाहिए।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में सीकर दौरे के दौरान जनसभा को संबोधित किया था, जिसमें उन्होंने विकास के वादों को दोहराया और कांग्रेस को नकारा। हालांकि, गोविंद सिंग डोटासरा ने इसे खारिज करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने राजस्थान को कोई गारंटी नहीं दी है और उनके दावों को मजाक बनाया गया है।

राजस्थान के चुनावी माहौल में कांग्रेस पार्टी ने भी अपनी चुनावी संगठना को तेज किया है। विधायकों, नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ अध्यक्ष डोटासरा ने कांग्रेस की संगठना को मजबूत करने के लिए कड़ी मेहनत की है। वे राजस्थान की जनता को भी बीजेपी सरकार के खिलाफ उत्साहित करने के लिए जुट रहे हैं।

विधानसभा चुनाव के आसपास राजस्थान में राजनीतिक समर्थन भी बढ़ रहा है। चुनावी दंगल में बीजेपी भी अपने उम्मीदवारों को प्रचारित कर रही है और प्रदेश में संगठनात्मक काम में जुटी हुई है।

चुनावी माहौल में राजस्थान की जनता का रुझान देखते हुए, यह स्पष्ट है कि चुनाव दंगल राजस्थान में दिलचस्पी के साथ चलेगा और पार्टियों के नेता और कार्यकर्ताओं के लिए चुनौतीपूर्ण समय होगा।

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