महिला सशक्तिकरण एवं महिलाओं के अधिकारों पर जागरूकता शिविर का आयोजन

अमित सिंह
स्वा.जागरण , उन्नाव – राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली, राष्ट्रीय महिला आयोग तथा उ०प्र० राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण लखनऊ के निर्देशों के अनुपालन में कार्यालय जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, उन्नाव की माननीय जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, उन्नाव प्रतिमा श्रीवास्तव, के दिशा निर्देश में बुधवार को तहसील सभागार, तहसील सदर उन्नाव में महिला सशक्तिकरण के लिए एवं महिलाओं के अधिकारों पर श्री मनीष निगम, अपर जिला जज/सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण उन्नाव के द्वारा विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया किया गया| उक्त कार्यक्रम में दीपाली सिंह अपर प्रधान न्यायाधीश परिवार न्यायालय, नम्रता सिंह-II सिविल जज (जे.डी)एफ.टी.सी. (महिलाओं के विरुद्ध अपराध), चन्द्रिका प्रसाद बाजपेई काउंसलर पास्को एक्ट ,जेल विजिटर रेनू तिवारी , मध्यस्थ अधिवक्ता प्रेमलता गुप्ता, जनसाहस एन.जी.ओ. के रामचंद्र, मीनाक्षी मिश्रा एवं अंशिका मिश्रा, प्रीती सिंह जिला प्रोबेशन अधिकारी, तहसीलदार तनवीर हसन, आशा बहुएं, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के अतिरिक्त आम जन महिलाओं, बच्चियों ने भी हिस्सा लिया तथा शिव बिहारी बाजपेई, राहुल श्रीवास्तव, अमित गुप्ता उपस्थित रहें|
उक्त कार्यक्रम में दीपाली सिंह अपर प्रधान न्यायाधीश परिवार न्यायालय ने तलाक में 13 बी, 125 सीआरपीसी, भरण-पोषण न्यायालय द्वारा दिलाये जाने के सम्बन्ध में विस्तार से बताया|
उक्त कार्यक्रम में मनीष निगम, अपर जिला जज/सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण उन्नाव द्वारा उक्त शिविर बताया गया कि राष्ट्र के विकास में महिलाओं का महत्त्व और अधिकार के बारे में समाज में जागरुकता लाने के लिये मातृ दिवस, अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस आदि जैसे कई सारे कार्यक्रम सरकार द्वारा चलाए जा रहे हैं।महिलाओं को कई क्षेत्र में विकास की जरुरत है।
भारत में महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए सबसे पहले समाज में उनके अधिकारों और मूल्यों को मारने वाली उन सभी राक्षसी सोच को मारना जरुरी है, जैसे – दहेज प्रथा, अशिक्षा, यौन हिंसा, असमानता, भ्रूण हत्या, महिलाओं के प्रति घरेलू हिंसा, वैश्यावृति, तेजाब हमला और ऐसे ही दूसरे विषय। महिलाओं को समान वेतन का अधिकार, घरेलू हिंसा के खिलाफ महिलाओं के संरक्षण के अधिकार, महिलाओं के प्रति क्रूरता, दहेज़ हत्या, मुफ्त कानूनी मदद के लिए अधिकार, कन्या भ्रूण हत्या के खिलाफ अधिकार,पोस्को एक्ट आदि के बारे में विस्तृत जानकारी दी|
उक्त कार्यक्रम में नम्रता सिंह-II सिविल जज (जे.डी)एफ.टी.सी. (महिलाओं के विरुद्ध अपराध) ने अपने विचार व्यक्त करते हुए मानसिक व शारीरिक पीड़ा, घरेलू हिंसा अधिनियम 2005 धारा-10 सेवा प्रदाता के बारे में विस्तृत जानकारी दी एवं बच्चों के संरक्षण के विषय पर भी क़ानूनी जानकारी प्रदान की|
उक्त कार्यक्रम में रिसोर्स पर्सन एवं जेल विजिटर रेनू तिवारी ने संविधान में महिलाओं को प्रदान किए गये मूल अधिकारों, महिलाओं को मिलने वाली निःशुल्क क़ानूनी सहायताओं के बारे में विस्तृत जानकारी दी| और बताया कि महिला सशक्तिकरण को इस प्रकार परिभाषित किया जा सकता है कि इससे महिलाओं में उस शक्ति का प्रवाह होता है, जिससे वो अपने जीवन से जुड़े हर फैसले स्वयं ले सकती हैं और परिवार और समाज में अच्छे से रह सकती हैं। समाज में उनके वास्तविक अधिकार को प्राप्त करने के लिए उन्हें सक्षम बनाना ही महिला सशक्तिकरण है।
रिसोर्स पर्सन एवं मध्यस्थ अधिवक्ता प्रेमलता गुप्ता द्वारा कार्यक्रम में बताया गया कि महिला सशक्तिकरण का अर्थ महिलाओं के सामाजिक और आर्थिक स्थिति में सुधार लाना है। ताकि उन्हें रोजगार, शिक्षा, आर्थिक तरक्की के बराबरी के मौके मिल सके, जिससे वह सामाजिक स्वतंत्रता और तरक्की प्राप्त कर सके। यह वह तरीका है, जिसके द्वारा महिलाएँ भी पुरुषों की तरह अपनी हर आकंक्षाओं को पूरा कर सके तथा सुलह समझौते से अपने वैवाहिक वाद, पारिवारिक वाद को मध्यस्थता एवं प्री-लिटीगेशन द्वारा निपटाने के सम्बन्ध में विस्तार से जानकारी दी|
चन्द्रिका प्रसाद बाजपेई काउंसलर पास्को एक्ट ने पास्को एक्ट के बारे विस्तार से बताते हुए कहा कि यह एक्ट १८ वर्ष से कम आयु के बच्चो को सुरक्षा प्रदान करता है| पास्को एक्ट का दुरोपयोग नहीं होना चाहिए|
प्रीती सिंह महिला कल्याण अधिकारी ने पेंशन योजना, कोविड-19 में जिन बच्चों ने अपने माँ-बाप को खोया है उन्हें 5000 प्रतिमाह उ.प्र.शासन द्वारा दिया जायेगा तथा महिलाओं के लिए चल रही योजनाओं जैसे, मिशन शक्ति,बेटी बचाओं बेटी पढाओं, घरेलू हिंसा अधिनियम 2005, उ०प्र० रानी लक्ष्मीबाई महिला बाल सम्मान कोष, वन स्टॉप सेण्टर योजना, कन्या सुमंगला योजना, 181 महिला हेल्पलाइन के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की गयी।
सुगम भारती ने उक्त कार्यक्रम में मानसिक स्वास्थ्य एवं उसके प्रभावों के बारे में बताया|
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण उन्नाव द्वारा महिला अधिकारों से सम्बन्धित पम्फ्लेट्स,पोस्टर एवं प्रचार किट भरी संख्या में वितरित किये गये|
जनसाहस एन.जी.ओ. के रामचंद्र, मीनाक्षी मिश्रा एवं अंशिका मिश्रा द्वारा जनसाहस संस्था के बारे में एवं उनके द्वारा किये जा रहे कार्यों के बारे में बताया|