सीता स्वयंवर की कथा सुन भक्तों ने किया श्रीराम का जयघोष

स्वाभिमान जागरण संवाददाता
देवरिया। लार विकास खण्ड के ग्राम सभा बभनौली पांडेय में श्रीसुखदनंदन महादेव की स्मृति में श्री राम कथा ज्ञान यज्ञ के छठवे दिन अयोध्या धाम से पधारे कथावाचक अशोकानंद महाराज ने सीता स्वयंवर की कथा का रसपान कराया। कथा कमेटी के सदस्य गणेश पाण्डेय ने महराज जी को अंग वस्त्र और माल्यार्पण कर कथा की शुरुवात करवाई। कथा वाचक अशोकानंद ने कहा कि राजा जनक के दरबार में भगवान शिव का धनुष रखा था। उनके विशालकाय धनुष को कोई भी उठाने की क्षमता नहीं रखता था। एक दिन सीता ने घर की सफाई करते समय धनुष को उठाकर दूसरी जगह रखा। इसे देखकर जनक आश्चर्यचकित हुए, क्योंकि धनुष किसी से उठता नहीं था। राजा ने प्रतिज्ञा की कि जो इस धनुष पर प्रत्यंचा चढ़ाएगा, उसी से सीता का स्वयंवर होगा। स्वयंवर की निर्धारित तिथि पर सभी देश के राजा और महाराजाओं को आमंत्रित किया गया। धनुष को उठाने की कोशिश की गई, लेकिन सफलता नहीं मिली। गुरु की आज्ञा से श्रीराम ने धनुष उठाकर प्रत्यंचा चढ़ाने लगे तो वह टूट गया। धनुष टूटने का प्रसंग सुनते ही पंडाल में जय श्री राम के जयघोष लगे।
इस अवसर पर अधिवक्ता पंडित प्रियेश त्रिपाठी, अर्जुन यादव,अविनाश पांडेय, अवधेश पांडेय , रामाश्रय पांडेय, पप्पू गोंड , अरविंद पांडेय , सुनील पांडेय , संदीप गुप्ता आदि श्रद्धालु मौजूद रहे।



